ना तुम मेरी हो ना मेरी किसमत मे तुम्हारा साथ है
तुम मेरी हो नहीं सकती इस बात का भी मुझे एहसास है
पर ये ना कहो कि तुम्हे पाने की कोशिश भी छोड दूँ
मेरे जीने के लिए जरूरी तुम्हे पाने की आस है
............................. Shubhashish(2004)
Saturday, January 13, 2007
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