Tuesday, January 09, 2007

चांद की जगह तेरा चेहरा

कितना अच्छा होता जो चांद की जगह तेरा चेहरा आता
रात मे भी आकाश में दिन से ज्यादा उजाला छा जाता
मेरी ये आँखें न सुखती बिन तेरे तुझे देखते के लिये
रात को बेचैन होने के बजाय तेरी आँखों में ही खो जाता
......................................Shubhashish(1998)

No comments: