Tuesday, January 09, 2007

तुझे पाने कि तमन्ना

करवटें बदलते रहते हैं लेकिन नींद नही आती
आखों क सामने बस तु ही तु छा जाती
समझाया हमने भी बहुत अपने दिल को लेकिन
तुझे पाने कि तमन्ना दिल से निकल ही नही पाती
............................................Shubhashish(1999)

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