यूँ तो हर चाहने वाला तेरे सपने सजाता निगाहों मे है
पर कभी सोचा कि ये फुल बिखेरता कौन तेरी राहों में है
तुझे बस अपनी ओर बुलाते हैं ये जमाने भर के हाथ
पर कभी लडखडा के तो देख तु गिरती किसकी बाहों मे है
................................ Shubhashish(2005)
Sunday, January 28, 2007
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