Friday, January 26, 2007

तेरे लिये मिट जायें

दर्द उठायेंगे तुझे खुशीयाँ दिलाने क लिए
जल जायेंगे तेरी राहों से अन्धेरा मिटाने के लिए
तेरे लिये मिट जायें, तु ना जाने तो क्या
काँटे तो होते ही हैं फूलों को बचाने के लिए
...................................... Shubhashish(2004)

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