बस यूँ ही उनकी याद मे ज़िन्दगी गुजर जाये
जिन्दगी की ये नाव कही तो जाके ठहर जाये
उम्मीद थी इस जिंदगी से वफा की, तुम रहे जब तक
पर अब डरता हूँ कही मौत भी बेवफाई ना कर जाये
............................................. Shubhashish(2005)
Friday, January 26, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment